साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ?

साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ?

भारतीय नारी की पोशाकों में ब्लाउज को मुख्य स्थान प्राप्त है इसलिए जानिए साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ? तथा ब्लाउज कितने प्रकार के होते हैं ?

साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ?
साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ?

साधारण ब्लाउज व चोलीकट ब्लाउज मे क्या अंतर है ?

साधारणतया ब्लाउज को साड़ी, लहंगा और ओढ़नी के साथ पहना जाता है। विद्यालयों में जाने वाली बालिकाएं स्कर्ट के साथ ब्लाउज पहनती है। यह कई प्रकार का बनाया जाता है। समय और फैशन के अनुसार इसमें भी दिनोंदिन बदलाव होते रहते हैं।

आज से कुछ समय पूर्व इसकी लंबाई अधिक होती थी, लेकिन आजकल की नारियां कम लंबाई का ब्लाउज पहनना अधिक पसंद करती है। ब्लाउज आधी आस्तीन का बनाया जाता है।

1. साधारण ब्लाउज: आजकल इस ब्लाउज का कम फैशन चल रहा है। क्योंकि नारी के स्तनों पर यह ब्लाउज ठीक तरह से फिट नहीं हो पाता है और यह ब्लाउज सामने तथा पीठ की ओर से बंद रखा जाता है।

यह ब्लाउज साधारणतया पापलीन, वाश एन वियर, लट्ठा, खादी, टिशू ,वायल, फुल  वायल, ऑफ वायल, लान, टेरिकोठ, रूबिया, साटन सिल्क, टेरिलीन, नायलॉन, समर क्लॉथ, पतली सर्ज, काटसऊल आदि मुलायम कपड़ों का बनाया जाता है। साधारण ब्लाउज सभी रंग के कपड़ों का बनाया जाता है इसके गले में कई प्रकार के डिजाइन आदि भी बनाए जाते हैं।

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2. चोलीकट ब्लाउज: वर्तमान समय में फैशन से निर्मित इस ब्लाउज का चलन अधिक है और इस ब्लाउज के अलग-अलग रंग स्त्रियों को अधिक पसंद आते हैं। यह ब्लाउज सामने से तथा पीठ की ओर से खुला रखा जाता है।

इस ब्लाउज को बनाने के लिए मुलायम कपड़े का उपयोग किया जाता है ताकि कपड़े से स्त्री के स्तनों पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव ना हो। और नारी की त्वचा को कोई नुकसान ना पहुंचे।

ब्लाउज कितने प्रकार के होते हैं ?

ब्लाउज कई प्रकार के होते हैं:-

1. साधारण ब्लाउज: यह ब्लाउज मुलायम कपड़े का बनाया जाता है वर्तमान समय में इस ब्लाउज की मांग बाजार में कम है और स्त्रियां इस ब्लाउज को पसंद भी कम ही करती है।

2. चोलीकट ब्लाउज : इस ब्लाउज का चलन वर्तमान समय में बाजार में अधिक है और इस ब्लाउज का फैशन ब्लाउज के नाम से भी जाना जाता है।

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3. उरेबी ब्लाउज : इस ब्लाउज का उपयोग आमतौर पर मुख्य अवसरों पर ही किया जाता है किंतु यह ब्लाउज फिर भी ज्यादा चलन में नहीं है।

4. रेगलिन स्लीव्ज ब्लाउज : इस ब्लाउज को इंग्लिश ब्लाउज के नाम से भी जाना जाता है इस ब्लाउज को अधिकतर विदेशी महिलाएं जब भारत भ्रमण पर आती है तो पहनती है।

5. प्लेटेड ब्लाउज : इस ब्लाउज को बनाते समय इसमें अलग-अलग रंगों के कपड़े अलग-अलग जगह पर जोड़े जाते हैं जिससे कि यह चटकीला नजर आता है।

6.पफ् स्लीव्ज ब्लाउज : इस ब्लाउज का उपयोग साधारणतया हर स्त्री करती है क्योंकि इस ब्लाउज की कीमत अन्य ब्लाउज की कीमतों की तुलना में कम होती है।

स्कर्ट के साथ पहने जाने वाला ब्लाउज कैसा होता है ?

यह ब्लाउज साधारण ब्लाउज से कुछ ढीलि और लंबा होता है। इस ब्लाउज के गले में एक कॉलर भी लगाया जाता है। साधारणतया स्कूल में छात्राएं इसी प्रकार का ब्लाउज पहना करती है।

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राजस्थानी नारी की पोशाक में कौन-कौन से वस्त्र आते हैं ?

राजस्थानी नारी की पोशाक में साधारणतया चोली , घाघरा, चूंदड़ी , लूगड़ी , चुन्नी तथा साड़ी इत्यादि वस्त्र आते हैं। इसके अतिरिक्त राजस्थानी नारियां अवसरों के अनुसार वस्त्र धारण करती है जैसे सावन के महीने में ओढ़नी ओढ़ती है तो पुत्र जन्मोत्सव के अवसर पर पीला पोमचा ओढ़ती है।

आमतौर पर राजस्थानी नारियां पीली और लाल रंग की लुगड़ी अधिक ओढ़ती है। इनमें भी ताराभांत की तथा केरी भांत की चुनरी राजस्थान की मीणा जनजाति की विशेष पहचान है। राजस्थानी नारी राजस्थान के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग वेशभूषा तथा पोशाक पहनती है।

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