बुश-शर्ट का आरंभ कब से हुआ ?

आधुनिक युग में पेंट, बुश-शर्ट आदी का अत्यधिक प्रचलन हो रहा है इसलिए जानें बुश-शर्ट का आरंभ कब से हुआ ? तथा बुश-शर्ट को काटते समय कितने भाग काटे जाते हैं ?

बुश-शर्ट का आरंभ कब से हुआ ?
बुश-शर्ट का आरंभ कब से हुआ ?

बुश-शर्ट का आरंभ कब से हुआ ?

कुछ समय से ही बुश-शर्ट का प्रचलन प्रारंभ हुआ है। प्रारंभ में इसका प्रयोग जहाज पर रहने वाले नाविकों की पोशाकों में किया जाता था लेकिन आज जनसाधारण में इसका पूर्ण रूप से प्रचलन हो गया है।

दितीय विश्व युद्ध के समय संसार के सभी भागों में मानव जीवन अस्त-व्यस्त सा हो रहा था। कपड़ा बुनने वाली मशीनें और कारखाने केवल युद्ध के लिए काम में आने वाले सामान बना रहे थे।

ऐसे समय में कपड़े की कमी हो गई और इस कमी को पूरा करने के लिए कई प्रकार के साधन अपनाए गए तथा कई प्रकार की नई पोशाक का प्रचलन हुआ।

यह भी पढ़ें सिलाई मशीन के प्रमुख भाग | Silai Machine Ke Pramukh Bhag

युद्ध से पहले सभी सभी व्यक्ति जो की ड्रेस पहनते थे पेंट, कोट, कमीज और वेस्ट कोट एक साथ पहना करते थे। इस प्रकार से एक व्यक्ति को साधारणतया चार कपड़ों की आवश्यकता होती थी।

सिलाई करने वालों ने कपड़े की बचत के लिए कमीज वैस्टकोट और कोट के स्थान पर बुश-शर्ट का प्रचलन किया जो आरंभ में कहीं पर कोर्ट कहीं पर कमीज के भागों से बनाया गया था।

यह भी पढ़ें कपास से कपड़ा कैसे बनता है ?

सामने व पीठ का भाग कोट की तरह तथा आस्तीन और कॉलर कमीज की तरह के बनाए गए। कुछ समय तक लोगों को यह वस्त्र अटपटा सा लगा लेकिन इससे प्रत्येक को काफी कपड़े का लाभ हुआ।

आरंभ में बुश-शर्ट पूरी आस्तीन का बनाया गया था लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव करते-करते आधी आस्तीन और एक जेब का बनने लग गया और आज यह कमीज व कोट की जगह सभ्य व्यक्तियों की पोशाकों में गिना जाने लगा है।

बुश-शर्ट पेंट के साथ पहना जाता है। वह पूरी आस्तीन व आदि आस्तीन कब बनाया जाता है। यह साधारणतया पापलीन, चैक, सन फोराइज्ड, टेरेलीन, टेरी कोट, रेयान, खादी, सिल्क वास एंड वेयर, कॉट्सवूल, सर्ज आदि सभी प्रकार के मुलायम कपड़ों का बनाया जाता है। इसे छोटे बच्चों से लेकर वृद्ध व्यक्ति तक पहनते हैं यह खुले  कॉलर और वन पीस कॉलर का बनाया जाता है।

यह भी पढ़ें सिलाई मशीन के प्रमुख भाग | Silai Machine Ke Pramukh Bhag

बुश-शर्ट की नापें: लंबाई 64 सेंटीमीटर, कंधा 44 सेंटीमीटर आस्तीन 26 सेंटीमीटर, सीना 90 सेंटीमीटर, गला 36 सेंटीमीट,र कपड़े का अर्ज 84 सेंटीमीटर से 90 सेंटीमीटर तक।

कपड़ा ज्ञात करने की विधि:

2 लंबाई + आस्तीन + 12 सेंटीमीटर

2×66+26+12=170 सेंटीमीटर

बुश-शर्ट में निम्नलिखित भाग काटे जाते हैं- 

1. दो सामने

2. एक पीठ

3. दो ऑस्तिन

4. एक या दो जेबें

यह भी पढ़ें मौसम और जलवायु के अनुसार भारत में कौन से कपड़े पहने जाते हैं ?

5. तीन काॅलर के टुकड़े (खुले काॅलर में)

6. छः काॅलर के टुकड़े (टेनिस काॅलर में)

7. दो काॅलर के टुकड़े (फ्यूज कॉलर लगाते समय)

Leave a Comment