पेपर पैटर्न कितने प्रकार के होते हैं ?
वस्त्रों की सिलाई करते समय पैटर्न की सहायता ली जाती है। इसलिए जानिए पेपर पैटर्न कितने प्रकार के होते हैं ? और पेपर पैटर्न बनाना क्यों आवश्यक है ? व पेपर पैटर्न बनाने से क्या लाभ है ? तथा पेपर पैटर्न बनाते समय किन-किन बातों (सिद्धांतों) को ध्यान में रखना चाहिए ?

वस्त्रों की सिलाई करते समय कई प्रकार की कठिनाइयां उत्पन्न होती है। सिलाई की कार्यों को सरल बनाने एवं कठिनाइयों को दूर करने के लिए पैटर्न की सहायता ली जाती है। कटिंग करते समय जो कठिनाइयां आती है, उन्हें पैटर्न की सहायता से दूर किया जाता है। पैटर्न सभी प्रकार की पोशाकों के बनाए जाते हैं जो अधिकतर कागज के तैयार किए जाते हैं।
पेपर पैटर्न कितने प्रकार के होते हैं ?
पेपर पैटर्न मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं-
1. व्यक्तिगत पेपर पैटर्न , 2. ग्रेडेड पेपर पैटर्न , 3. ब्लाक पेपर पैटर्न
1. व्यक्तिगत पेपर पैटर्न: किसी खास व्यक्ति की नापों के आधार पर पूरे साइज के वस्त्रों के चित्र कागज पर बनाकर सभी भागों के कागज काट लिए जाते हैं और फिर कपड़े पर रखकर कपड़ा काट लिया जाता है। इससे वस्त्रों के बनाने में कठिनाई बहुत कम उत्पन्न होती है।
2. ग्रेडेड पेपर पैटर्न: यह आदित्य तैयार पोशाकों के बनाने में काम में लिया जाता है। इसे रिलेटिव स्केल के आधार पर बनाया जाता है। इसके द्वारा छोटे पैटर्न से बड़े कपड़े तथा बड़े पैटर्न से छोटे कपड़े आसानी से काटे जा सकते हैं। रेडिमेड पोशाकें बनाने वाली कंपनियों में इसकी सहायता से ही वस्त्र काटे जाते हैं।
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3. ब्लाक पेपर पैटर्न: यह पेपर पैटर्न रिलेटिव स्केल ऑफ प्रपोर्शन में जो नापें दी गई है, उनके आधार पर बनाया जाता है। इसमें फ्रंट बैलेंस को बैक बैलेंस एक या आधा सेंटीमीटर अधिक रखा जाता है। इससे साधारण आकृति एवं साधारण नापों में व्यक्ति की पोशाक बहुत ही आसानी से तैयार हो जाती है।
पेपर पैटर्न बनाना क्यों आवश्यक है ?
वस्त्रों की कम समय में तथा कम लागत में सिलाई करने के लिए और वस्त्र को पूर्ण रूप से तैयार करने के लिए पेपर पैटर्न बनाना आवश्यक है। पेपर पैटर्न की सहायता से हर प्रकार की पोशाक ए तथा वस्त्र आसानी से तैयार किए जा सकते हैं।
पेपर पैटर्न बनाने से क्या लाभ है ?
1. चित्र बनाने में सरलता: पेपर पैटर्न से कटिंग सीखने वालों को बहुत ही सरलता से कपड़ा काटना आ जाता है।पेपर पैटर्न कोरक्कर कपड़े पर चित्र बनाने से कार्य बहुत ही सरल हो जाता है।
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2. कपड़ा कम लगना: कपड़े पर चित्र बनाकर काटने से कपड़ा अधिक लगता है तथा पेपर पैटर्न को रखकर काटने से कपड़ा कम लगता है, क्योंकि पैटर्न को इधर-उधर सरका कर सही स्थानों पर रख सकते हैं।
3. सही अनुमान: पेपर पैटर्न की सहायता से वस्त्र काटने से कपड़े का सही अनुमान हो जाता है।
4. गलती की संभावना नहीं रहती: पेपर पैटर्न की सहायता से कटिंग करने से गलती की कम संभावना होती है, क्योंकि जब कपड़े पर चित्र बनाया जाता है तो उसे एक बार देखा जाता है लेकिन पैटर्न की कई बार जांच हो जाती है, जिससे गलती की संभावना कम रहती है।
5. समय की बचत: एक ही प्रकार के एक से अधिक वस्त्र बनाने के लिए पेपर पैटर्न से कम समय में अधिक वस्त्र काटे जा सकते हैं।
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6. कम खर्च: पेपर पैटर्न की मदद से काम करने में खर्चा भी कमाता है। जैसे कि व्यक्ति की कई वस्त्र एक ही तरह के बनाने हैं, तो पेपर पैटर्न तैयार कर लेने से मेहनत कम होगी, सुमेर भी कम लगेगा और इस प्रकार से खर्चा भी कम होगा।
7. सही फल: जितना भी कार्य पेपर पैटर्न की सहायता से किया जाता है उसमें सही फल की प्राप्ति होती है। कहीं पर भी गलती रहना संभव नहीं होता।
पेपर पैटर्न बनाते समय किन-किन बातों (सिद्धांतों) को ध्यान में रखना चाहिए ?
- पेपर पैटर्न पूरे साइज के बनाने चाहिए।
- पेपर पैटर्न में केवल आधे भाग ही काटने चाहिए।
- पेपर पैटर्न सही नापों के अनुसार बनाया जाना चाहिए।
- पेपर पैटर्न में आकृतियां सुंदर व सही होनी चाहिए।
- पेपर पैटर्न में फिटिंग व ढिलाई आदि का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
- पेपर पैटर्न बनाते समय रेखाएं बारिक खींचनी चाहिए।
- पेपर पैटर्न में इन-ले नहीं छोड़ना चाहिए।
- पेपर पैटर्न बनाते समय तौल-तत्त्व के सिद्धांत को ध्यान में रखना चाहिए।
- पेपर पैटर्न काटने से पहले पूर्ण रूप से जांच कर लेनी चाहिए कि यह सब प्रकार से ठीक है।
- पेपर पैटर्न करने के पश्चात सब भागों को मिला कर देख लेना चाहिए।
- पेपर पैटर्न पर नाम व साइज तथा व्यक्ति का नाम लिख देना चाहिए, जिससे समय पर आसानी से मिल सके।
- पेपर पैटर्न में प्लेट , डार्ट व जेब आदि के निशान लगाने के लिए।