पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ?

पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ?

पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ? और एक कलीदार पेटीकोट में कितने कपड़े की आवश्यकता होती है ? तथा पेटिकोट किसके साथ पहना जाता है ?

पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ?
पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ?

पेटीकोट कितने प्रकार के होते हैं ?

पेटीकोट एक साधारण पोशाक है। स्त्रियां इसे साड़ी के साथ पहनती है। यह अधिकतर सफेद लट्टे, रंगीन पापलीन आदि कपड़ों का बनाया जाता है। आजकल नायलॉन व जारजट की साड़ियों के पहनने के लिए साड़ी जैसे रंग की साटन, सिल्क, केप के पेटीकोट बनाए जाते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं:-

1. सादा पेटीकोट: यह साधारणतया 2 मीटर से अधिक कपड़े का बनता है तथा कपड़े के टुकड़े करके एक तरफ प्लेट में नीचे की तरफ कपड़े को ही मोड देते हैं या झालर आदि लगा देते हैं। इसमें कई बार कपड़े को आडा़ भी रखा जाता है और एक तरफ की किनार के प्लेट डालकर नेफा लगा दिया जाता है।

नीचे के भाग में 3 सेंटीमीटर के लगभग मोड कर हाथ से तुरपन या मशीन का टांका लगा दिया जाता है और इस तरह सादा पेटिकोट तैयार होता है।

2. कलीदार पेटीकोट: यह पेटीकोट 8 कलियों को या 6 कलियों का बनाया जाता है। यह लंबाई के दुगने 10 सेंटीमीटर कपड़े में बन जाता है। प्रत्येक लंबाई में चार-चार कलयां बनाई जाती है।

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एक कलीदार पेटीकोट में कितने कपड़े की आवश्यकता होती है ?

एक कलीदार पेटीकोट में सामने वाली स्त्री के शरीर के नाम के अनुसार कपड़े की आवश्यकता होती है लेकिन सामान्यतः एक कलीदार पेटीकोट में 5 से 6 मीटर कपड़े की आवश्यकता होती है जिसमें की आधुनिक फैशन का पेटीकोट आसानी से तैयार हो जाता है।

पेटिकोट किसके साथ पहना जाता है ?

प्राचीन काल में तो पेटीकोट मुख्य रूप से साड़ी के साथ पहना जाता था किंतु आधुनिक युग में इसे लहंगे , घाघरे तथा बेल बॉटम के वस्त्रों के साथ भी स्त्रियां पहनने लगी है।

पेटीकोट की नाप किस प्रकार ली जाती है ?

पेटिकोट की नाप लेने से पूर्व स्त्री की लंबाई तथा कमर के नाप ली जाती है और उसके पश्चात कपड़े का अर्ज नापा जाता है। सदा पेटीकोट बनाने में कम कपड़े की आवश्यकता होती है तथा कलीदार पेटीकोट बनाने के लिए कपड़े की आवश्यकता होती है।

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पेटीकोट बनाने वाले के ऊपर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार का पेटीकोट बना सकता है तथा पेटिकोट बनवाने वाले के ऊपर यह निर्भर करता है कि उसको किस तरह का पेटीकोट पहनना है उसी तरह से पेटिकोट की नाप ली जाती है।

पेटीकोट किन किन अवसरों पर पहना जाता है ?

पेटीकोट साधारणतया शादी विवाह के अवसर पर पहना जाता है लेकिन आधुनिक युग में इसका प्रचलन अधिक हो गया है इसलिए इसे किसी भी उत्सव तथा त्यौहार के समय पर पहने जाना लगा है। आजकल तो स्त्रियां पेटीकोट का प्रयोग प्रतिदिन भी करने लगी है।

पेटीकोट पहनने के फायदे

स्त्रियों को पेटीकोट पहनन से अनेक प्रकार के फायदे होते हैं इससे स्त्रियों की त्वचा की सुरक्षा होती है साथ ही पारदर्शी वस्त्र के नीचे पेटीकोट पहनने से महिला के अंगो का प्रदर्शन नहीं होता है और वस्त्र की शोभा में भी वृद्धि होती है।

इसके अतिरिक्त पेटीकोट पहनने से महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि यदि वस्त्र किसी कारणवश फट जाता है तो पेटिकोट उस वस्त्र के फटने की जगह महिला के अंगों को नहीं दिखने देता है।

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किस रंग का पेटीकोट सबसे अच्छा होता है ?

सभी रंगों के पेटीकोट अच्छे होते हैं लेकिन वस्त्र के अनुसार रंग का कपड़ा पहनने का प्रचलन हमेशा से ही रहा है इसलिए वस्त्र का रंग जैसा होता है वैसा ही पेटीकोट का रंग होना अच्छा होता है। आधुनिक युग में अलग-अलग रंग के पेटीकोट भी पहनने का प्रचलन बढ़ रहा है। यहां तक कि एक ही वस्त्र के नीचे अनेक रंगों का पेटिकोट पहनने का विचलन अभी है।

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